न्यू बॉर्न बेबी के माथे पर उभरा त्रिशूल, डॉक्टर भी हैरान
वहीं इन आकृतियों का उभरना, मिटना और फिर प्रकट होना स्थानीय लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। लोग इसे ईश्वर की कृपा मान रहे हैं। उनके लिए ये बच्चा ईश्वर की सत्ता का प्रतीक बनता जा रहा है। लोग उस बच्चे को भगवान शिव और देवी दुर्गा का स्वरूप या आर्शिवाद मान कर उसके दर्शन के लिए आ रहे हैं। बच्चे के माता पिता भी फिल्हाल अपनी अनोखी संतान के जन्म से बेहद खुश और संतुष्ट हैं। उनके घर में उत्सव जैसा माहौल बन गया है और वे विशाल कीर्तन करवाने की योजना बना रहे हैं। बॉर्न बेबी के माथे पर उभरा त्रिशूल, डॉक्टर भी हैरान
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वैसे तो हम सभी के शरीर पर बर्थ मार्क होते हैं, पर ये बर्थ मार्क ना तो रोज बदलते हैं और नाही शाम होते होते धुंधले पड़ते हैं। अगर कहीं कोई ऐसी घटना होती है तो उसे आप क्या मानेंगे चमत्कार, कुदरत का कमाल या कोई बीमारी। बहरहाल रामगढ़ नाम के एक गांव में ऐसा ही कुछ हुआ है। एक बच्चे के माथे में त्रिशूल का निशान उभर आया और वो अक्सर बदल भी रहा है। आइये जाने क्या है पूरा मामला।
कभी स्वास्तिक तो कभी त्रिशूल
रामगढ़ के एक गांव में बच्चे ने जन्म लिया है। आप सोचेंगे में इसमें अनोखा क्या है। तो अनोखा है उस बच्चे का बर्थमार्क जो हर रोज बदल भी जाता है या नये सिरे से उभर आता है। ये मार्क उसके माथे पर तो है ही साथ ही उसकी बांह और छाती पर भी नजर आ रहे हैं। बच्चे के इन अंगों पर त्रिशूल, स्वास्तिक, ऊं और त्रिनेत्र जैसे निशान नजर आते हैं। हाल ही में उसके माथे पर त्रिशूल की आकृति उभर आयी है। ये आकृति शाम तक धुंधली पढ़ जाती है।
डाक्टरों के पास नहीं है जवाब
इस बच्चे के शरीर के अंगों पर बनते इन निशानों की क्या वजह है इसका जवाब डाक्टरों के पास भी नहीं है। डाक्टरों का कहना है कि वे खुद हैरान हैं और सही वजह बताने में असर्मथ हैं। हालाकि उनका कहना है कि रक्त से संबंधित ब्लड कैपलरीज डिफेक्ट से एक बीमारी हिमान्जयोमा इसकी वजह हो सकती है। वहीं परिवारजनों का कहना है कि बच्चे में किसी बीमारी के लक्षण अब तक दिखाई नहीं दिये हैं। वो पूरी तरह स्वस्थ लग रहा है और सामान्य बच्चे की तरह ही बर्ताव कर रहा है।
लोग मान रहे है ईश्वर का चमत्कार
वहीं इन आकृतियों का उभरना, मिटना और फिर प्रकट होना स्थानीय लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। लोग इसे ईश्वर की कृपा मान रहे हैं। उनके लिए ये बच्चा ईश्वर की सत्ता का प्रतीक बनता जा रहा है। लोग उस बच्चे को भगवान शिव और देवी दुर्गा का स्वरूप या आर्शिवाद मान कर उसके दर्शन के लिए आ रहे हैं। बच्चे के माता पिता भी फिल्हाल अपनी अनोखी संतान के जन्म से बेहद खुश और संतुष्ट हैं। उनके घर में उत्सव जैसा माहौल बन गया है और वे विशाल कीर्तन करवाने की योजना बना रहे हैं।