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बुधवार, 18 जनवरी 2017

इस हिन्दू सम्राट ने अरबों को इस तरह खदेड़ा कि 500 साल तक भारत की ओर नहीं मुड़े थे अरब !


अन्य राष्ट्रों समेत हिन्दू बहुल भारत की धरती पर हिन्दुओ के “इतिहास” के साथ हमेशा अन्याय किया गया हैं। न जाने, हिन्दुओं का इतिहास मिटाने और छिपाने के कितने ही प्रयास किये गए। मगर सच कभी छिपता नहीं!
महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, पुष्यमित्र शुंग, राजा दाहिर के नाम तो अक्सर सुनने को मिल जाते हैं, मगर वीर बप्पा रावल के नाम को शायद ही कोई जनता हो!
उन्होंने अरबी, तुर्क और फारसी मुस्लिमों के दिल में इतनी दहशत भर दी थी कि मुसलमानों ने अगले 400 साल तक हिंदुस्तान की ओर आँख उठा के नहीं देखा।
ऐसे योद्धा थे मेवाड़ वंश के संथापक, कालभोज के राजकुमार ‘बाप्पा रावल’! साथ ही शिव के एकलिंग रूप के भक्त और चितौड़ के किले के निर्माता!
उनके पिता महेंद्र रावल द्वितीय की आक्रमणकारियों के हत्या की थी और उनकी माता जी अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए सती हो गयी थी।
बप्पा रावल का पालन पोषण उनके कुलपुरोहित ने बड़े प्यार से किया और एकलिंग जी की भक्ति के साथ साथ समस्त युद्ध लालाओ में निपुण बनाया।
बप्पा रावल ने अपना खोया हुआ राज्य मात्र 21 साल की उम्र में वापस ले लिया था और एक कुशल शासक के रूप में अपने को स्थापित किया।
https://docs.google.com/uc?export=download&id=0Bz2qUomjg10lUV9jX2FxWlBGRlU
ईडर के गुहिल वंशी राजा नागादित्य की हत्या के बाद उनकी पत्नी तीन साल के पुत्र बप्पा को लेकर बडऩगरा (नागर) जाति के कमलावती के वंशजों के पास ले गईं।
उनके वंशज गुहिल राजवंश के कुल पुरोहित थे। भीलों के आतंक से फलस्वरूप कमला के वंशधर ब्राह्मण, बप्पा को लेकर भांडेर नामक स्थान पर आ गए। यहां बप्पा गायें चराने लगे। इसके बाद नागदा आए और ब्राह्मणों की गायें चराने लगे।


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