इस हाइवे पर रात में जाने से डरते हैं लोग, लाल जोड़े में दिखती है आत्मा!
इस हाइवे पर रात में जाने से डरते हैं लोग, लाल जोड़े में दिखती है आत्मा!
मेरठ. यकीन तो नहीं होता, लेकिन यहां जो घटता है उसे देखकर यकीन किए बैगर रहा भी नहीं जाता। मामला एनएच-58 पर पल्हैड़ा गांव के सामने होने वाले एक्सीडेंट का है। यहां अक्सर रात में एक्सीडेंट की घटनाएं होती हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि गाड़ी के ड्राइवर को एक महिला बीच सड़क में दिखाई देती है, वह उसे बचाने का प्रयास करता है और खुद दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
जून के महीने में होते हैं सबसे अधिक एक्सीडेंट
- एनएच-58 पर पल्हैड़ा गांव के सामने दो किलोमीटर के दायरे में जून के महीने में सबसे अधिक एक्सीडेंट होते हैं।
- इन एक्सीडेंट में कई लोगों की जान जा चुकी है, लोगों का कहना है कि यह सब'सती की आत्मा'द्वारा लिए जा रहे प्रतिशोध के कारण है।
- ग्रामीणों की मानें तो हाइवे पर ड्राइवर को अचानक बीच सड़क में एक लाल जोड़े में महिला दिखाई देती है।
- इस महिला के अचानक सामने आने पर जब ड्राइवर उसे बचाने के लिए ब्रेक लगाता है तो खुद दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
- ग्रामीणों बताते हैं कि ऐसा खुद दुर्घटना में घायल हुए लोगों का कहना है।
एक्सीडेंट में घायल दिल्ली की महिला ने दी थी जानकारी
- ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 15 साल पहले दिल्ली का एक नवविवाहित जोड़ा कार से हनीमून मनाने के लिए मसूरी जा रहा था।
- उनकी कार जब पल्हैड़ा चौराहे पर पहुंची तो अचानक कार का स्टेयरिंग फेल हो गया और कार दुर्घटना ग्रस्त हो गई।
- कार में दिल्ली निवासी अमित और कोमल सवार थे। इस दुर्घटना में अमित की मौत हो गई थी, जबकि कोमल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराई गई थी।
- कोमल ने होश में आने पर पुलिस को जो बयान दिया था वह बड़ा ही चौंकाने वाला था।
- पल्हैड़ा निवासी शीलेंद्र कुमार के मुताबिक, उस वक्त मोदीपुरम चौकी प्रभारी मुन्ना लाल तिवारी थे।
- दुर्घटना से चंद मिनट पहले ही मुन्ना लाल तिवारी ने मसूरी जा रहे इस जोड़े से चेकिंग के दौरान बात की थी।
ये दिया था महिला ने पुलिस को बयान
- अस्पताल में भर्ती कोमल ने होश में आने पर बयान दिया था कि उनकी कार के आगे अचानक एक महिला आ गई।
- कार वह खुद चला रही थी, अचानक कार के आगे धुंध सी छा गई।
- इसी धुंध में लाल जोड़े में सड़क के बीच एक महिला खड़ी थी। उसके एक हाथ में तलवार और दूसरे में थाल था।
- अचानक सामने आई महिला को बचाने के लिए हॉर्न बजाया, लेकिन शायद उस महिला ने हॉर्न नहीं सुना।
- उसके बाद कार का स्टेयरिंग घुमाकर उसने महिला को बचाने का प्रयास किया, इसके बाद क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं।
ये है सती की आत्मा दिखाई देने के पीछे की कहानी
- ग्रामीण शीलेंद्र कुमार के मुताबिक, ऐसी मान्यता है कि जो महिला लाल जोड़े में दिखाई देती है वह सती कर्मवती की आत्मा है।
- सती कर्मवती कुंवर रमणीक सिंह के सेनापति लोतीराम की पत्नी थी।
- कुंवर रमणीक सिंह पल्हैड़ा गांव से कुछ ही दूर बसे रोशनपुर डौरली गांव के जंगल में अपना अलग किला बनाकर रहते थे।
- जब अफगानी आक्रांता अहमदशाह अब्दाली दिल्ली को लूटने के बाद आगे बढ़ा तब कुंवर रमणीक सिंह को चिंता हुई।
- उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ उसकी सेना पर हमले की योजना बनाई थी।
- अपने गुप्त रास्तों के जरिए सेना पर हमले किए गए, लेकिन बाद में अफगानी अहमदशाह की सेना भारी पड़ी।
- इसी लड़ाई में लोतीराम का सिर काटकर कुंए में डाल दिया गया था।
- बाद में लोतीराम की पत्नी कर्मवती ने महिलाओं के साथ अफगानी सेना से युद्ध किया था।
- जीत कर्मवती की सेना की हुई थी, लेकिन इस युद्ध में जीत हासिल करने के बाद कर्मवती अपने पति की याद में सती हो गई।
- वह उसी कुंए पर पहुंची जहां उसके पति का कटा सिर पड़ा था। यहां आकर कर्मवती ने अपना वीरांगना चोला उतारकर सोलह श्रृंगार कर लाल जोड़ा पहना।
- वह पति का कटा सिर एक थाली में रखकर उसे कपड़े से ढक कर चल पड़ी।
- तभी तेज हवा के झोंके से कर्मवती का घूंघट उलट गया और थाली में रखे कटे सिर से भी कपड़ा उड़ गया।
- देखते ही देखते कर्मवती के चारों ओर आग की लपटें उठने लगी और वह उसी आग में जलकर सती हो गई।
ये है स्थानीय ग्रामीणों का कहना
- पल्हैड़ा निवासी सतपाल सिंह (60) का कहना है कि सती की आत्मा की बात वह अपने बड़े बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं।
- जब भी कोई बड़ा एक्सीडेंट यहां हुआ उसमें यही चर्चा हुई कि यह उसी सती की आत्मा की वजह से हुआ।
- पड़ोस के गांव दुल्हैड़ा निवासी प्रेमपाल (52) ने बताया कि हम बचपन से इसके बारे में सुनते आ रहे हैं।
- विश्वास तो नहीं होता, लेकिन जब लोग बताते हैं तो विश्वास करना पड़ता है।
- मोदीपुरम निवासी वीरसिंह (62) का कहना है कि बड़े बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं कि यहां एक महिला का साया दिखाई देता है।
- इस हाइवे पर जो एक्सीडेंट हुए उसमें इस बारे में सुना भी कि कोई साया दिखाई दिया, उसे बचाने के चक्कर में एक्सीडेंट हुआ।
- बताया जा रहा है कि इस हाइवे पर वैसे तो हर माह एक बड़ा एक्सीडेंट होता है। जून की बात करें, तो अब पिछले करीब 15 सालों में जून माह में ऐसे कई एक्सीडेंट हो चुके हैं जिनमें 20 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
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