दुनिया के 10 खौफ़नाक आदमखोरों द्वारा मानव मांस पर दिए गए बयान आपको विचलित न कर दें तो कहना
दुनिया के 10 खौफ़नाक आदमखोरों द्वारा मानव मांस पर दिए गए बयान आपको विचलित न कर दें तो कहना
By - VIIVVEK SHHARMAA VASSHISHTHHA
मनुष्य के मांस को मनुष्य के द्वारा खाये जाने को नरभक्षण कहते हैं और उस आदमी को आदमखोर. हालांकि मानवीय सभ्यता में इस कर्म को निषेध माना गया है मगर इसके बावजूद दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने मानव मांस का भक्षण किया है. तो यहा पेश है वैसे कुछ लोगों की बातें जिन्होंने “human flesh” चखा है.
1. आर्थर शॉक्रॉस
आर्थर शॉक्रॉस ने सन् 1972 में वाटरटाउन न्यूयॉर्क में दो किशोर लड़के-लड़की को मार डाला. उसके इस अपराध के लिए उसे जेल भेजा गया, जहां से वह 15 साल की सजा काट कर बाहर निकला. उसके रिकॉर्ड को मोहरबंद कर दिया गया, जब वह 1972 में रोक्सटर चला गया. मगर फ़िर से वह कत्ल करने लगा और दुबारा पकड़े जाने से पहले वह 11 वैश्याओं को मौत की नींद सुला चुका था.
एक बार फ़िर से जब वह कैदखाने में लौटा तो वह अपने शिकार के किस्से सुनाने लगा. जहां वह ऐसे दावे करता था कि उसने नरमांस खाया है. उसने बताया कि एक बार वियतनाम के जंगलों में उसने दो औरतों का पीछा किया और उन्हें मार कर उनका मांस खाया. हालांकि उसके ऐसे कृत्य का कोई प्रमाण नहीं है कि क्या वाकई उसने ऐसा कुछ किया है. उसने तो यहां तक कहा कि वह चार वैश्याओं को मार कर उनके जननांग और एक 10 साल के बच्चे का दिल तक खा चुका है. हालांकि इन शरीरों के जांच के दौरान यह शरीर काफ़ी बुरी हालत में पाये गये थे.
शॉक्रॉस के अनुसार मानव का मांस सूअर के भुने हुए मांस जैसा लगता है. अब ये तो वही जानें, आख़िर इसमें हम क्या कह सकते हैं.
2. पीटर ब्रायन
पीटर ब्रायन के हिंसा का सिलसिला शुरु होता है उसके दुकान के मालिक द्वारा उसे नौकरी से हटा लिए जाने के साथ शुरु होता है. इसके जवाब में ब्रायन ने दुकान मालिक की 20 वर्षीय बेटी को हथौड़े से पीट-पीट कर मार डाला. और ख़ुद भी आत्महत्या के प्रयास में बालकनी से कूद पड़ा. जहां उसे 1993 में मानसिक रूप से बीमार मान कर मनोविकृति सबंधी अस्पताल में दाखिल कराया गया.
तब से 9 साल बाद उसे भारी सुरक्षा के बीच वहां से दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बिना किसी संरक्षण के छोड़ दिया गया. ठीक उसी रात वह एक 43 वर्षीय ब्रायन चेरी के घर गया, और उसकी हथौड़े से मारते-मारते हत्या कर डाली. उसके बाद उसने चेरी के हाथों और दाहिने पैर को आरी और चाकू से काट डाला. और जब पुलिस आई तो उसने पाया कि चेरी का मस्तिष्क आग पर चढ़ी कड़ाही में रखा हुआ था.
ब्रायन ने बाद में पूछने पर बताया कि उसने मस्तिष्क को कृत्रिम मक्खन में पकाया था, और यह काफ़ी बढ़िया टेस्ट का था. उसने यह भी बताया कि चेरी के हाथ और पैर का मांस चिकन के मीट जैसा था.
ब्रायन को फ़िर से कैद करके मनोविकार अस्पताल में रखा गया, जहां उसने 2004 में भी एक साथ रहने वाले की हत्या कर दी. ब्रायन ने बताया कि वह इसे भी पकाना चाहता था, मगर इसके पकाए जाने के लिए उसके पास पर्याप्त समय नहीं था.
3. ऐलेक्जेंडर सेल्विक वेंगशोयेल
सन् 2010 में नॉर्वे में रहने वाले एक आर्ट स्टूडेंट ऐलेक्जेंडर के कूल्हे का प्रत्यारोपण होना तय था, जो इसके बचपन से ही बैशाखी और व्हीलचेयर के सहारे चला करता था. अपनी सर्जरी से पहले ऐलेक्जेंडर ने डॉक्टर को इस बात के लिए राजी कर लिया कि वह उसके पुराने कूल्हे उसे दे दे. वह इस बात को तो नहीं जानता था कि वह अपने कूल्हे को कैसे इस्तेमाल करेगा मगर, वह उसे कलात्मक तरीके से इस्तेमाल करना चाहता था.
सर्जरी से लौटने के बाद उसने कूल्हे को पानी में उबालना शुरु किया और उस कूल्हे में लगे मांस को छुड़ा लिया. अब जब उसने यह जान लिया था कि यह एक विशेष मौका है तो उसने इस मीट को टेस्ट किया और उसे यह ख़ासा टेस्टी लगा. उसके बाद उसने इस पूरे मीट को पकाने का निर्णय लिया, मगर उन हड्डियों पर थोड़े से मीट की वजह से यह आलू और वाइन के साथ सिर्फ़ ऐपेटाइज़र की भूमिका ही अदा कर सका. ऐलेक्जेंडर की मानें तो मनुष्य का मांस जंगली भेड़ों जैसा टेस्ट देता है.
4. टोबियास नीबॉम
टोबियास नीबॉम एक अमरीकी कलाकार था जिसे सन् 1955 में पेरु की फुलब्राइट फेलोशिप मिली थी. इसके लिए वह न्यूयॉर्क से चल कर आया था. रास्ते में उसने एक आदिवासी जनजाति अरंकम्बूट के बारे में सुना जो जंगल में निवास करते थे और तीर-धनुष से शिकार किया करते थे. उसे यह सुनने में इतना दिलचस्प लगा कि वह कम्पास लेकर उन्हें खोजने निकल पड़ा. हालांकि अरंकम्बूट जनजाति ख़ासी कुख्यात थी मगर उन्होंने टोबियास का स्वागत किया. उसे इस बात को जान कर सुखद आश्चर्य हुआ कि यह जनजाति समलैंगिक सेक्स को लेकर काफ़ी खुली थी, जिसके लिए उसे पहले न्यूयॉर्क में तंग किया जा चुका था. तभी उसने अपनी पूरी ज़िंदगी इन्हीं के बीच जीने का निर्णय ले लिया.
टोबियासल की इस सारी अवधारणा को तब झटका लगा जब अरंकम्बूट आदिवासियों ने दूसरे गांव पर हमला करके 6 लोगों को मार डाला. और इतना ही नहीं वे इन मृत शरीरों को आग पर भूल कर खाने लगे और उस जलते आग के इर्द-गिर्द नाचने लगे. टोबियास तो काफ़ी डर गया था मगर फ़िर उन्होंने इसे नृत्य ख़ातिर राजी कर लिया. उन्होंने टोबियास को मानव का मांस भी खिलाया. इस वाकये के बाद वे वहां से ख़ुद को पेट में लपेट कर भाग निकले. टोबियास ने अपने यादनामे Keep The River On Your Right में इस बात का जिक्र किया है और यह बेहद पसंद की जाने वाली किताब है. हालांकि मानव मांस का टेस्ट पूछने पर वे कन्नी काट जाते हैं और ख़ुद को आदमखोर कहलवाने से परहेज करते हैं, मगर फ़िर भी वे एक बार उन्होंने बताया कि यह थोड़ा-थोड़ा सूअर के मांस से मिलता टेस्ट करता है.
5. ओमायमा नेल्सन
ओमायमा का जन्म इजिप्ट में हुआ था जहां से वह मॉडल बनने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स शिफ्ट हो गयी थीं. वहां वह 56 साल के विलियम नेल्सन से मिलीं और उनसे 2 माह बाद शादी कर लिया. हालांकि यह शादी असफल रही जहां उसने अपने पति पर मारने-पीटने और बलात्कार के आरोप लगाए. शादी के तीन सप्ताह बाद ही ओमायमा ने अपने पति को मौत के घाट उतार दिया. सबूतों को छिपाने के लिए उसने अपने पति के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसके सिर और हाथों को उबाल दिया.
यह हत्या इसलिए भी अजीब मानी जाती है क्योंकि ओमायमा ने उसके पति की पसलियों को सींक बना कर भट्ठी पर भून दिया था. मनोचिकित्सक के अनुसार ओमायमा जोर-जोर से चीखते हुए पसलियों में दांत गड़ा रही थी. और कह रही थी कि यह काफ़ी लजीज़ और मीठा है.
पुलिस को इस क्राइम की जानकारी तब लगी जब ओमायमा ने अपनी एक दोस्त से इस बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए मदद मांगी. उसे इस हत्या के लिए सेकेंड डिग्री मर्डर के अपराध में आजीवन कारावास की सजा दी गई. उसने बाद में कहा कि उसने आपने पति का मांस नहीं खाया था. वह पैरोल के लिए आवेदन कर रही थी मगर, आदमखोरी में पैरोल की कोई सुविधा नहीं है.
6. जेफरी डाहमेर
आदमखोरी के लिए कुख्यात अपराधी जेफरी ने 1978 से 1991 के बीच 17 जानें ली थीं. जेफरी ने इसके बारे में कभी खुल कर नहीं बोला मगर उसके पकड़े जाने के बाद और FBI के सख्ती के बाद उसने कहा कि वह लोगों को मारने के बाद उनके जांघ और बाहों के साथ-साथ किन्हीं हिस्सों को काट दिया करता था. जिसके बाद वह उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर डेकची में पकाया करता था.
जेफरी बताता है कि मानव मांस उसे गोमांस के सबसे बढ़िया हिस्से जांघ के मीट जैसा लगता है. जेफरी को इस अपराध हेतु 1992 में आजीवन कारावास की सजा दे दी गई थी, जहां दो साल बाद उसके साथी कैदी ने हत्या कर दी.
7. विलियम सीब्रूक
विलियम सीब्रूक वैसे तो New York Times के रिपोर्टर थे, मगर वह अपने अजीबोगरीब ट्रैवल बुक्स के लिए जाना जाते हैं, जिसमें से एक Jungle Ways है जिसे 1931 में पब्लिश किया गया था. इसमें वह पश्चिम अफ़्रीका की एक जनजाति “ग्यूरे” का जिक्र करते हैं जो परम्परागत तौर पर उनकी जनजाति के मृत लोगों का मांस खाया करते थे. उत्सुकतावश सीब्रूक ने तय किया कि वो भी मानव मांस को टेस्ट करेंगे.
सीब्रूक के मानव मांस खाने की दो कहानियां हैं. एक जब वे “ग्यूरे” जनजाति के साथ थे और दूसरा जब वे वापस फ्रांस लौटे और एक नर्स की मदद से एक मृत शरीर का मांस निकलवा लिया.
सीब्रूक अपनी किताब Jungle Ways में इसकी विस्तार से चर्चा करते हैं. वे बताते हैं कि यह बछड़े के मांस जैसा लगता है. जो इतना स्वादिष्ट था कि आदमी उसे बार-बार खाना चाहे.
8. जॉर्ज नेग्रोमोंट दा सिल्वाइरा
वर्ष 2012 के अप्रैल में दा सिल्वाइरा, उसकी पत्नी इसाबेल और उसकी उपपत्नी ब्रूना को एक हत्या के अपराध में कैद किया गया था. जहां उन्होंने एक बेघर महिला का कत्ल कर दिया था. हालांकि हिरासत में लेने के बाद उन्होंने यह भी स्वीकारा कि वे दो और जवान महिलाओं का कत्ल कर चुके हैं. एक साक्षात्कार में सिल्वाइरा बताता है कि मानव का मांस गोमांस जैसा लगता है, जिसे वे बेच दिया करते थे. इसे वे अलग-अलग तौर तरीकों से पकाया करते थे.
सिल्वाइरा को 23 वर्षों के लिए कैद हो गई, और उसकी पत्नी और उपपत्नी को 20 वर्षों की सजा मिली. सिल्वाइरा कहता है कि ये अच्छा है कि वह कैद में है वरना वह फ़िर हत्याएं करता.
9. इसाइ सगावा
आदमखोरों के इतिहास में जापान के सगावा का नाम बड़ा ही कुख्यात है. सगावा उस समय पेरिस में पढ़ रहे थे जब उन्हें जून 11, 1981 को एक 25 वर्षीय डच स्टूडेंट रेनी हार्टवेल्ट मिली. सगावा ने उसे पीछे से गोली मार दी और दो दिनों तक उसके शारीरिक अंगों को खाता रहा.
अपने यादनामे में सगावा कहता है कि उसने हार्टवेल्ट के पिछवाड़े को कच्चा ही खाया जिसमें उसे कोई टेस्ट नहीं मिला. फ़िर उसने उसके पिछवाड़े को नमक और सरसो तेल में पकाया. उसने हार्टवेल्ट के स्तनों को भी पकाया. मगर उसे वे अत्यधिक तैलीय होने की वजह से अच्छे नहीं लगे. उसे सबसे अच्छा मीट जांघ का लगा, जिसे उसने ख़ासा स्वादिष्ट बताया.
सगावा को तीन दिनों के बाद कैद कर लिया गया, जब किसी ने उसे शरीर को ठिकाने लगाते देख लिया. उसे पागल घोषित कर दिया गया और पागल खाने में रख दिया गया. सन् 1985 में उसे जापानी अथॉरिटी को सौंप दिया गया. जापान में वह खुल्ला छोड़ दिया गया और वहां ही उसने किताब लिखी और सेलेब्रिटी बन गया. हालांकि बाद के साक्षात्कारों में वह इस बात का जिक्र करता है कि मानव का मांस उसे कतई टेस्टी नहीं लगा था. और वह इसके बजाय गोमांस खाना पसंद करेगा.
10. आर्मिन माइवेस
दुनिया अब इससे भी अजीब हो सकती है ऐसा तो मुझे विश्वास नहीं होता. जर्मनी के रहने वाले आर्मिन माइवेस ने इंटरनेट पर इश्तेहार निकलवाया कि वह हत्या हेतु एक 18 से 30 वर्षीय इंसान की खोज में हैं. इसके जवाब में उन्हें 200 प्रतिक्रियाएं मिली. उन्हें एक नौजवान भी मिला जो बाद में हट गया. मगर उन्हें 9 मार्च 2001 को एक 41 वर्षीय बेर्न्ड यूरगेन ब्रान्डेस मिले जो इस बात के लिए राजी हो गए. दोनों ने उसके बाद सेक्स किया और उसके बाद आर्मिन ने यूरगेन की लिंग काट लिया ताकि वे दोनों उसे खा सकें. पहले-पहल तो दोनों ने इसे कच्चा ही खाने की कोशिश की मगर यह उन्हें काफ़ी रबड़युक्त लगा. फ़िर आर्मिन ने इसे मक्खन और लहसुन के साथ पकाने की कोशिश की और इस क्रम में यह जल गया.
तब से लगभग 10 घंटे बाद यूरगेन ब्रान्डेस की मौत हो गई. आर्मिन ने उसके शरीर को हुक से टांग दिया और लगभग 10 माह तक खाता रहा. वह लगभग 18 किलोग्राम मांस खा गया. वह बताता है कि साथ के लिए वह दक्षिण अफ्रीकी वाइन पीता था. मीट के बारे में पूछने पर वह बताता है कि यह लगभग सूअर के मांस जैसा टेस्ट देता था. हालांकि यह उससे थोड़ा ज़्यादा कड़ा और हल्का कड़वा टेस्ट देता है.
आर्मिन ने अपने बचाव में कहा कि उसने मर्डर नहीं किया बल्कि यह आत्महत्या थी. मगर उसे इस अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. हालांकि आज वह एक शाकाहारी की ज़िंदगी गुजर-बसर कर रहा है.
शायद ऐसे ही किन्ही मानवीय कर्मों-कुकर्मों को देखकर निदा फ़ाजली साब ने कहा है कि...
हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी
जिसको भी देखना हो कई बार देखना
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