HOW SHAME ‘मुस्लिम महिलाओं को 72 कुंवारे पुरुषों से सेक्स का अधिकार’
‘मुस्लिम महिलाओं को 72 कुंवारे पुरुषों से सेक्स का अधिकार’ मुस्लिम महिलाओं को इस धरती पर ही 72 कुंवारे पुरुषों से सेक्स करने का अधिकार है, क्योंकि जन्नत में उन्हें यह नसीब नहीं होने वाला है. बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन के इस बयान ने पूरे मुस्लिम जगत में खलबली मचा दी. सिर्फ ये बयान ही नही उन्होंने अपने जीवन में इस्लाम की कुरीतियों व् कट्टरता के खिलाफ मोर्चे को एक सिरे से हमेशा सम्भाले रखा है. साहित्य की दुनिया में विवादों की सबसे नजदीकी रिश्तेदार हैं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन. 1994 से निर्वासन की जिंदगी जी रही हैं तस्लीमा. पेशे से वो एक डॉक्टर हैं. उन्होंने 1986 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. बांग्लादेश की खुले विचारों वाली इस लेखिका ने जब 90 के दशक में अपनी पहली किताब ‘लज्जा’ लिखी थी. इस किताब में लेखिका के ढाका और कोलकाता के कई जाने-माने लेखकों के साथ अंतरंग संबंधों का लेखा-जोखा है. इस विवादस्पद किताब के कारण उन्हें अपना देश बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. भारत समेत दुनिया के कुछ और देशों में वह बतौर शरणार्थी रहीं. उन्हें असल प्रसिद्धि 20वीं सदी के आखिरी सालों में मिली जब उन्होंने अपने नारीवादी विचारों और धर्म की आलोचना को मजबूती से रखना शुरू किया. वह अकसर इस्लाम धर्म की कड़ी आलोचना करती हैं.
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