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रविवार, 18 सितंबर 2016

मनुष्य के रंग से जानें चरित्र


मनुष्य के रंग से जानें चरित्र


सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों के अनुसार शरीर के रंग केआधार पर भी स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है।  शरीर की प्रकृति, बनावट के आधार पर उसके स्वभाव वचरित्र के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इस विद्याको सामुद्रिक शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान भी कहते हैं।स्थान, प्रकृति तथा अनुवांशिकता के अनुसार मनुष्य का शरीर मुख्य रूप से तीन रंगों का होता है जिन्हें  साधारणबोलचाल की भाषा में गोरा, गेहुंआ(सांवला) व कालाकहते हैं। इनके आधार पर  मनुष्य के स्वभाव काआंकलन कर सकते हैं।

गौर वर्ण-इस रंग में मुख्य रूप से दो भेद होते हैं हैं। प्रथममें लाल एवं सफेद रंग का मिश्रण होता है जिसे हम गुलाबीकहते हैं। ऐसे जातक मृदु स्वभाव, बुद्धिमान, साधारणपरिश्रमी, रजोगुणी एवं अध्ययन तथा  प्रेमी होते हैं। ऐसेजातक दिखने में सुंदर तथा आकर्षक होते हैं तथा सभीको आकर्षित करने में सक्षम होते हैं।

दूसरे भेद में लाल व पीले रंग का मिश्रण होता है ऐसेजातक परिश्रमी, धैर्यवान, सौम्य, गंभीर, रजोगुणी, भोगी,समृद्ध एवं व्यवहार कुशल होते हैं। देखने में आता है किऐसे जातक बीमार रहते हैं तथा इन्हें रक्त संबंधी बीमारीअधिक होती है। मान्यता है कि सफेद या पीले रंग सेसंयुक्त लाल रंग के नाखून,  वाली स्त्री धन-धान्य से युक्त,उदार एवं सौभाग्यवती होती है।    

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