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रविवार, 18 सितंबर 2016

I AM ALIVE : यहां इंसान मर कर भी नहीं मरता, हर 3 साल बाद कब्र से लाश निकाल कर घरवाले खिंचवाते हैं साथ में फोटो


यहां इंसान मर कर भी नहीं मरता, हर 3 साल बाद कब्र से लाश निकाल कर घरवाले खिंचवाते हैं साथ में फोटो



ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सच्चाई है, मौत. जो धरती पर किसी भी रूप में जन्म लेकर आया है, उसे एक न एक दिन यहां से जाना पड़ेगा. मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनों के लिए दिल में मौजूद प्यार और स्नेह की वजह से उनकी मौत के बावजूद उन्हें अपने बीच ही महसूस करते रहते हैं. इंसानी समाज हमेशा से ही अपने मर चुके पूर्वजों के प्रति अपना प्रेम दिखाने के लिए अनेक रीति-रिवाज बनाता आया है.

 

इंडोनेशिया के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पूर्वजों के प्रति स्नेह जताने के लिए एक रिवाज़ निभाया जाता है. लेकिन यह रिवाज इतना अजीब है कि आप सुन कर हैरान हो जायेंगे. इन गांवों में अपने मरे हुए परिजनों की लाश को हर तीन साल के बाद कब्र से निकाल कर उन लाशों की सफाई की जाती है और उन्हें नये-नये कपड़े पहनाएं जाते हैं.

 

इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एक शख्स दो लाशों के साथ खड़ा है. इस व्यक्ति का नाम 'Herman Tandi' है. इसके साथ ये लाशें इसके दादा और दादी की हैं. इन दोनों की 10 साल पहले मौत हो गई थी. Herman अपने दादा-दादी के आपसी प्रेम की वजह से उन्हें शादी के जोड़े वाले कपड़े पहना रहा है.


इस रिवाज़ में परिवार के सभी लोग अपने मृत रिश्तेदारों के साथ मिल कर फोटो भी खिंचवाते हैं.

 

हर तीन सालों में यहां के कब्रिस्तानों में किसी उत्सव के जैसा माहौल हो जाता है.

 

इस तस्वीर में आप एक भूतपूर्व आर्मी ऑफिसर की लाश को देख सकते हैं. उसके रिश्तेदारों को अपने परिजन के आर्मी में होने पर इतना नाज़ था कि वो उनके मरने के बाद भी उन्हें आर्मी की पोशाक ही पहनाते हैं.

 

लाशों को नये कपड़े पहनाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से साफ़ किया जाता है.

 

यह लाश 'Paul Sampe Lumba' नाम के एक शख्स की है. यह 7 साल पहले मर गये थे. इनके परिवार वालों ने इन्हें नये सूट के साथ नये चश्मे भी पहनाएं हैं.

 

 

इस तस्वीर में नज़र आ रहा इंसान 30 साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह चुका है, लेकिन परिवारवालों के लिए वो आज भी उतना ही परिवार का हिस्सा है जितना वो ज़िन्दा रहने पर थे.

 

गांव वालों का मानना है कि आत्मा शरीर के खत्म हो जाने के बाद वापिस लौट कर उस इंसान की पैदाइश वाली जगह पर आती है. उनका यह रिवाज़ उनके परिजनों को हमेशा उनके बीच बनाये रखता है.

 

 

हमारे देश में भी अपने परिजनों को याद करने के लिए उनका श्राद्ध करने की परम्परा रही है. दुनिया की सभी संस्कृतियों में अपने मृत परिजनों को याद करने के लिए अलग-अलग रीति-रिवाज़ बनाये गये हैं. स्थानीय माहौल और परम्पराएं उन रिवाजों को कभी-कभी इसी तरह का अनोखापन दे देते हैं

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