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रविवार, 18 सितंबर 2016

रत्न,, कौन से वार और , किस अंगुली में पहनें


रत्न,, कौन से वार और , किस अंगुली में पहनें

रत्नों का ज्योतिष शास्त्र में काफी अधिक महत्व बतायागया है। ऐसा माना जाता है कि रत्न धारण करने सेसंबंधित ग्रह के दोषों का निवारण हो जाता है और जीवनमें चल रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं। जानिए कौन सारत्न किस ग्रह के लिए कौन से वार और समय में किसअंगुली में पहनना चाहिए...



- जिन लोगों को शुक्र की महादशा चल रही है उन्हें हीराधारण करना चाहिए। इसके लिए शुक्रवार सबसे अच्छादिन है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीचहीरा मध्यमा अंगुली यानि मीडिल फिंगर में पहननाचाहिए।

- जिनकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो उन्हेंमाणिक धारण करना चाहिए। इसके रविवार का दिनसर्वश्रेष्ठ है। रविवार के दिन सूर्योदय के समय माणिकअनामिका अंगुली यानि रिंग फिंगर में धारण करनाचाहिए।

- मोती उन लोगों को धारण करना चाहिए जिन लोगों कोचंद्र की महादशा चल रही हो। किसी भी सोमवार को शाम5 बजे से 7 बजे के बीच अनामिका या कनिष्ठा (सबसेछोटी अंगुली) में मोती धारण करना चाहिए।

- मंगल की महादशा में मूंगा धारण करना सबसे अच्छाउपाय है। मंगलवार के दिन शाम 5 बजे से 7 बजे के बीचमूंगा अनामिका यानि रिंग फिंगर में धारण करने पर श्रेष्ठफल प्राप्त होते हैं।

- जिन लोगों की कुुंडली में बुध की महादशा चल रही होउन्हें पन्ना धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करने के लिएबुधवार श्रेष्ठ दिन है। दिन के समय 12 बजे से 2 बजे तकसबसे छोटी अंगुली में पन्ना धारण करें।

- पुखराज उन लोगों को धारण करना चाहिए जिन्में गुरुकी महादशा चल रही हो। इसके लिए गुरुवार श्रेष्ठ दिन है।गुरुवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच तर्जनीअंगुली यानि इंडेक्स फिंगर में धारण करना चाहिए।

- जिन लोगों को राहु या केतु की दशा चल रही है उन्हेंगोमेद धारण करना चाहिए। इसके लिए शनिवार श्रेष्ठ दिनहै। शनिवार को सूर्यास्त के बाद मीडिल फिंगर या मध्यमाअंगुली में गोमेद धारण करें।

- यदि किसी व्यक्ति को शनि की महादशा चल रही है उन्हेंनीलम धारण करना चाहिए। नीलम धारण करने के लिएशनिवार सबसे अच्छा दिन है। शाम 5 बजे से 7 बजे तकमीडिल फिंगर यानि मध्यमा अंगुली में नीलम धारण कियाजा सकता है।

 किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व किसी विशेषज्ञज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। कभी-कभी रत्न काप्रभाव बहुत जल्दी हो जाता है। कुछ परिस्थितियों में रत्नविपरित प्रभाव भी दे सकते हैं अत: बिना ज्योतिषी केपरामर्श के रत्न धारण न करें।

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